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सय्यदुत ताइफ़ा अबुल क़ासिम हज़रत शैख़ जुनैद बग़दादी रदियल्लाहु अन्हु की हालाते ज़िन्दगी (Part-1)
बेहरे मारूफ़ू सरी माअरूफ़ दे बेखुद सिरि जिन्दे हक़ में गिन जुनैदे बा सफा के वास्ते आप की विलादत बा सआदत :- हज़रत जुनैद बग़दादी रदियल्लाहु अन्हु तीसरी सदी हिजरी में इराक़ की राजधानी बगदाद शरीफ में पैदा हुए, आप रहमतुल्लाह अलैह की तारीखे पैदाइश "कारनामा बुज़ुर्गाने ईरान" में...
सिराजुस्सालिकीन सय्यद शाह अबुल हुसैन अहमदे नूरी मारहरवी की हालाते ज़िन्दगी
नूरे जानो नूरे इमां नूरे क़ब्रो हश्र दे बुल हुसैन अहमदे नूरी लिका के वसाते आप की पैदाइश शरीफ :- सिराजुस्सालिकीन नूरुल आरफीन सय्यद शाह अबुल हुसैन अहमदे नूरी मारहरवी रहमतुल्लाह अलैह की पैदाइश 19, शव्वालुल मुकर्रम 1255, हिजरी मुताबिक़ 26, दिसम्बर 1839, ईस्वी को बरोज़...
हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की हालाते ज़िन्दगी
सिद्क़ सादिक़ का तसद्दुक़ सादिकुल इस्लाम कर बे गज़ब राज़ी हो काज़िम और रज़ा के वास्ते आप की पैदाइश :- हज़रत सय्यदना इमाम जाफ़र सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु की विलादत बसआदत 17, रबीउल अव्वल बरोज़ पीर के दिन 80, हिजरी या 83, हिजरी मदीना शरीफ में हुई, मेंआप हज़रत सय्यदना इमाम मुहम्मद बाक़र...
माहे रजाबुल मुरज्जब में किस बुज़रुग का उर्स किस तारीख़ को होता है?
"माहे रजाबुल मुरज्जब मुबारक हो" "रजब" का माना है ताज़ीम करना,अहले अरब इस महीने की ख़ास ताज़ीम किया करते थे, इस को अल असब भी कहते हैं यानी तेज़ बहाव, इस माहे मुबारक में तौबा करने वालो पर रहमत का बहाव तेज़ हो जाता और इबादत करने वालो पर क़ुबूलियत के अनवार का फैज़ान होता है,इस...
अफ़ज़लुल बशर बादल अम्बिया यानि ख़लीफ़ए अव्वल हज़रत सय्यदना अबू बक्र सिद्दीक़ रदियल्लाहु अन्हु की हालाते ज़िन्दगी (Part-1)
"सिद्दीक़े अकबर का इसमें गिरामी" आप के नाम के बारे में तीन क़ौल हैं, पहला क़ौल अब्दुल्लाह बिन उस्मान :- आप रदियल्लाहु अन्हु का नाम "अब्दुल्लाह बिन उस्मान" चुनाचे हज़रत सय्यदना अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर रदियल्लाहु अन्हु अपने वालिद से रिवायत करते हैं के हज़रत सय्यदना अबू बक्र...
हज़रत ख़्वाजा शैख़ सुल्तान बाहू रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी (Part-2)
हज़रत ख़्वाजा शैख़ सुल्तान बाहू रहमतुल्लाह अलैह के खुलफ़ा व अज़वाज व औलाद, आप ने हक़ का रास्ता दिखा दिया :- एक बार हज़रत शैख़ सुल्तान बाहू रहमतुल्लाह अलैह शाह राह (सड़क) पर लेते हुए थे के गैर मुस्लिमो का एक गिरोह गुज़रा उन में से एक ने बतौरे हिकारत आप को ठोकर मारी और कहा: हमें...
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