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माहे रबीउल अव्वल में किस बुज़रुग का उर्स किस तारिख को होता है
सब आशिकाने रसूल को हुज़ूर हबीबुल्लाह खैरे ख़लक़िल्लह अशरफुल अम्बिया रसूले आज़म ख़ातिमुल अम्बिया रहमतुल्लिल आलमीन सुल्ताने दारैन सरवरे काइनात नूर वाले आक़ा शाफाये उम्मत मुहम्मद मुस्तफा ﷺ की विलादत का महीना मुबारक हो, Read this also ज़िल हिज्जा के महीने में किस बुज़रुग का...
शैखुल इस्लाम ताजुल औलिया शैख़ बहाउद्दीन सोहरवर्दी ज़करिया मुल्तानी रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी
जहाज़ डूबते डूबते बच गया :- 7, सातवीं सदी हिजरी की बात है के ताजिरों (बिजनिसमैन) एक क़ाफ़िला माले तिजारत लेकर मुल्के अदन की जानिब जा रहा था, इन ताजिरों (बिजनिसमैन) में ख्वाजा कमालुद्दीन सऊद शेरवानी भी थे, अचानक समंदर में तूफ़ान आ गया, खौफनाक लहरों थपेड़े जहाज़ से टकराए तो...
हज़रत सय्यदना दाता गंज बख्श अली हजवेरी रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी (Part-2)
आप की सैरो सिहायत :- अल्लाह वालों की ज़्यारत और मज़ाराते औलिया से फायदे की गरज़ से सफर की सओबतैं मुश्किलें बर्दाश्त करना ऐसा मुजाहिदा है जो मुशाहिदे की दौलत से नवाज़ता है, हज़रत सय्यदना दाता गंज बख्श अली हजवेरी रहमतुल्लाह अलैह ने ये मुजाहिदा भी हद्दे कमाल को पंहुचा दिया...
हज़रत सय्यदना दाता गंज बख्श अली हजवेरी रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी (Part-1)
हज़रत सय्यदना दाता गंज बख्श अली हजवेरी रहमतुल्लाह अलैह की आज़माइश पर सबरो शुक्र का इनआम :- एक मशहूर इल्मी घराने के चश्मों चिराग, ज़ुहदो तक़वा के पैकर, सलाहीयत व काबिलीयत के एतिबार से मुमताज़ और कई उलूम पर दस्तरस रखने वाले नौजवान आलिमे दीन का मामूल था के जब भी कोई मुश्किल...
इमामे रब्बानी मुजद्दिदे अल्फिसानी शैख़ अहमद सर हिंदी फ़ारूक़ी नक्शबंदी की हालाते ज़िन्दगी
आप की विलादत बा सआदत :- इमामुल वासिलीन हुज्जातुल आरफीन मुजद्दिदीन शैखुल इस्लाम यानि सिलसिलए नक्शबंदिया के अज़ीम पेशवा हज़रत सय्यदना मुजद्दिदे अल्फिसाने शैख़ अहमद सरहिंदी फ़ारूक़ी नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह की पैदाइश मुल्के हिन्दुस्तान के मक़ाम "सरहिंद" में 971, हिजरी मुताबिक़...
मुजद्दिदे आज़म इमाम अहमद रज़ा खान सरकार आला हज़रत फाज़ले बरेलवी रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी (Part-1)
कर अता अहमद रज़ाए अहमदे मुरसल मुझे मेरे मौला हज़रते अहमद रज़ा के वास्ते आप की विलादत शरीफ :- 10 शव्वाल 1272 हिजरी मुताबिक़ 14 जून 1856 ईस्वी बरोज़ हफ्ता ज़ुहर के वक़्त बरेली शरीफ उत्तर प्रदेश हिंदुस्तान में हुई | आप का नामे नामी इस्मे गिरामि :- मेरे आक़ा आला हज़रत, इमामे अहले...
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